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आईडिया नेटसेटर यूएसबी मोडेम को अनलोक कैसे करें ?

सबसे पहले अपने मोडेम को पीसी से जोड़ें , जोड़ते ही मोडेम का एक सोफ्टवेयर इंस्टाल होने के लिए स्वत: ही खुलेगा जिसे इन्स्टाल कर लें |

1-यहाँ से एक ये औजार डाउनलोड कीजिए | ये औजार आपको आपके यूएसबी मोडेम का अनलोक कोड व फ्लेश कोड बताएगा |

 
2-अपने यूएसबी मोडेम को पीसी में लगाकर इस औजार को खोले व चित्र में बताई जगह अपने यूएसबी मोडेम का IMEI न. भरे और केल्कुलेट बटन पर चटका लगा दें | कुछ क्षण बाद ये औजार आपको आपके मोडेम का अनलोक कोड व फ्लेश कोड बता देगा इन्हें लिख कर सुरक्षित कर लें |
3-अब आपको एक औजार और चाहिए जिसे आप यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करें -

 
A-इस औजार को रन करे , सबसे पहले यह आपके पीसी में लगे यूएसबी मोडेम को खोजेगा | जब इसकी खोज पूरी हो जाएगी तब यह पासवर्ड मांगेगा जहाँ आपको पहले औजार से मिले फ्लेश कोड लिखने है |
B-फ्लेश कोड लिखकर आगे बढे , यह औजार कुछ देर में अपने आप आपके यूएसबी मोडेम का फर्मवेयर अपडेट कर देगा | और अपडेट होते ही अपडेट होने की सूचना मिल जाएगी |
C- फर्मवेयर अपडेट की सूचना मिलने के बाद आईडिया का जो चिन्ह आपके डेशबोर्ड पर बना है उसे रन करे | रन करते ही आपसे अनलोक कोड माँगा जायेगा जो आपने पहले औजार से प्राप्त कर सुरक्षित रखा है वह लिखकर आगे बढ़ें |
आपका यूएसबी मोडेम तैयार है किसी भी मोबाइल सेवा प्रदाता की सिम से नेट चलाने को |

 
Idea net setter huawei E1732 Unlock करने का तरीका व औजार यहाँ उपलब्ध है |  


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सोच से भी ज्यादा स्मार्ट है आपका स्मार्टफोन

क्या आप सोच सकते हैं कि आपका स्मार्टफोन आपकी सोच से भी ज्यादा स्मार्ट है। स्मार्टफोन के आईफोन जैसे ज्यादातर प्रोग्राम कंपनियों को आपके बारे में डाटा भेज देते हैं, जो इन्हें बेच देती हैं। आईफोन के दर्जनों एप्लीकेशन गोपनीय ढंग से उपभोक्ताओं पर नजर रखते हैं। इससे मिली जानकारी का इस्तेमाल बाद में विज्ञापन के लिए कियाजाता है। ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।

अध्ययन में 101 एप्लीकेशन्स का परीक्षण किया गया। इनमें से 56 में आईफोन ने व्यक्तिगत नंबर किसी प्राइवेट कंपनी को भेज दिया। इसे यूनिक डिवाइस आइंडेटिफायर (यूडीआईडी) कहा जाता है। 47 मामलों में फोन की लोकेशन,पांच में आयु,लिंग और अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं प्राइवेट कंपनियों को बेच दी र्गई। हालांकि यह अध्ययन अमेरिका में किया गया है। लेकिन दुनियाभर में एप्लीकेशन्स डाउनलोड करने वालों पर यह लागू होता है।

उपभोक्ता की लोकेशन के बारे में एप्पल के आईफोन से गूगल के एंड्रोइड स्मार्टफोन की तुलना में ज्यादा सूचनाएं भेजी र्गई। यह बात अलग है कि दोनों कंपनियां ऐसा नहीं करने का वादा करती रही हैं।

क्या हैं खतरे

स्र्माटफोन के ज्यादातर प्रोग्राम्स और गेम्स एक बार डाउनलोड करने के बाद आपके बारे में जानकारी भेजने लगते हैं।
इनमें एंग्री बर्डस गेम और म्यूजिक सॉफ्टवेयर शाजम भी शामिल है जो हर आईफोन के साथ पहले से इंस्टाल होता है।
एंग्री बर्डस गेम फोन का यूडीआईडी गेम निर्माता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स को भेज देता है।
म्यूजिक एप्लीकेशन ‘पैंडोरा’ लिंग, लोकेशन, उम्र और फोन आईडी नंबर अनेक विज्ञापन कंपनियों को भेज देता है।
स्मार्टफोन उपभोक्ताओं के पास कंप्यूटर की तरह इसे डिस्एबल करने का कोई विकल्प नहीं होता।
‘पेपर टॉस’ गेम से उपभोक्ता फोन का आईडी नंबर कम से कम पांच विज्ञापन कंपनियों के पास चला जाता है।
‘‘हमारे उपभोक्ताओं के लिए हमने कड़ी निजता संरक्षण व्यवस्था की है। खासकर लोकेशन से जुड़े डाटा के बारे में। विश्वास सबसे बड़ी बात होती है।’

टॉम न्यूमायर,एप्पल के प्रवक्ता

‘यह सही है कि एप्लीकेशन्स से मिली जानकारी का उसकी एडमोब विंग इस्तेमाल करती है। लेकिन हमारा फोकस है कि उपभोक्ता का उन एप्लीकेशन्स पर नियंत्रण हो, जो वे डाउनलोड करते हैं।’

गूगल प्रवक्ता


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ईमेल डेलिगेशन हुआ बेहतर

गूगल ने जीमेल के फीचर ‘ईमेल डेलिगेशन’ में बदलाव करके इसे और उपयोगी बना दिया है। अब इसकी मदद से आप अपने एक से ज्यादा जीमेल अकाउंट्स को बिना साइन इन और साइन आउट हुए एक साथ आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं। यानी कि अगर जीमेल पर आपके एक से अधिक अकाउंट हैं तो किसी एक अकाउंट को ऑपरेट करते वक्त आप दूसरे अकाउंट में सीधे भी जा सकते हैं। इसके लिए आपको एक अकाउंट से साइन आउट करके दूसरे अकाउंट में साइन इन करने की जरूरत नहीं हो


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गूगल से इंटरनेट ही नहीं अब शरीर का सर्च भी हो सकेगा

गूगल अब एक नया ब्राउजर लांच करने की तैयारी में है जिसके जरिए आप मानव शरीर को देख सकेंगे। ठीक उसी तरह से जैसे कि गूगल अर्थ के जरिए दुनिया को खंगालते हैं। इस हाईटेक 3डी एप्लीकेशन का नाम गूगल बॉडी ब्राउजर है।इस एप्लीकेशन को अभी तक आधिकारिक रूप से रिलीज नहीं किया गया है। गूगल ने अपने नए एप्लीकेशन के बारे में चुप्पी साध रखी थी। लेकिन एक नया वीडियो इंटरनेट पर आया है जिससे पता चलता है कि नया एप्लीकेशन किस तरह का होगा। इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो को मोबाइल फोन से खींचा गया है। इसमें दिखाया गया है कि गूगल की वेबजीएल रिसर्च यूनिट का एक सदस्य अपने साथियों को एप्लीकेशन के बारे में बता रहा है।

गूगल बॉडी ब्राउजर के साथ ही एक नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी भी आ रही है। इसका नाम वेबजीएल है। इसकी मदद से जटिल 3डी ग्राफिक्स को सामान्य वेब पेजेस पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए फ्लैश या जावा जैसे प्लग-इंस की जरूरत नहीं होगी।

क्या होगा फायदा

इसे एनाटॉमी के अध्ययन में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है जो मानव शरीर के बारे में लोगों की समझ को बढ़ाएगा और मेडिकल रिसर्च को भी गति देगा।


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गूगल ने शुरू की ‘हॉटपॉट’ सेवा

अपने शहर के व्यावसायिक संस्थानों, रेस्त्रां, थिएटर आदि के बारे में आप गूगल पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। गूगल ने इसके लिए ‘हॉटपॉट’ सेवा शुरू की है। यह जानकारियां गूगल के ही यूजर आपस में शेयर करेंगे।गूगल का दावा है कि ‘हॉटपॉट’ पर मिलने वाली जानकारियां विश्वसनीय होंगी। यूजर्स की रेटिंग और उनकी पसंद-नापसंद के आधार पर लोग इन ‘हॉटपॉट’ में जाने के बारे में फैसला कर सकेंगे। गूगल ने स्मार्टफोन के लिए भी यह एप्लीकेशन जारी किया है। इसमें यूजर्स को एक नक्शा नजर आएगा,जिसके आधार पर वे जगह का चुनाव कर सकेंगे।
पहले फेसबुक ने भी यूजर्स को अपने पसंद के स्टोर, मॉल आदि के बारे में राय व्यक्त करने की सुविधा दी थी।


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