Friday, December 24, 2010

सोच से भी ज्यादा स्मार्ट है आपका स्मार्टफोन

क्या आप सोच सकते हैं कि आपका स्मार्टफोन आपकी सोच से भी ज्यादा स्मार्ट है। स्मार्टफोन के आईफोन जैसे ज्यादातर प्रोग्राम कंपनियों को आपके बारे में डाटा भेज देते हैं, जो इन्हें बेच देती हैं। आईफोन के दर्जनों एप्लीकेशन गोपनीय ढंग से उपभोक्ताओं पर नजर रखते हैं। इससे मिली जानकारी का इस्तेमाल बाद में विज्ञापन के लिए कियाजाता है। ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।

अध्ययन में 101 एप्लीकेशन्स का परीक्षण किया गया। इनमें से 56 में आईफोन ने व्यक्तिगत नंबर किसी प्राइवेट कंपनी को भेज दिया। इसे यूनिक डिवाइस आइंडेटिफायर (यूडीआईडी) कहा जाता है। 47 मामलों में फोन की लोकेशन,पांच में आयु,लिंग और अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं प्राइवेट कंपनियों को बेच दी र्गई। हालांकि यह अध्ययन अमेरिका में किया गया है। लेकिन दुनियाभर में एप्लीकेशन्स डाउनलोड करने वालों पर यह लागू होता है।

उपभोक्ता की लोकेशन के बारे में एप्पल के आईफोन से गूगल के एंड्रोइड स्मार्टफोन की तुलना में ज्यादा सूचनाएं भेजी र्गई। यह बात अलग है कि दोनों कंपनियां ऐसा नहीं करने का वादा करती रही हैं।

क्या हैं खतरे

स्र्माटफोन के ज्यादातर प्रोग्राम्स और गेम्स एक बार डाउनलोड करने के बाद आपके बारे में जानकारी भेजने लगते हैं।
इनमें एंग्री बर्डस गेम और म्यूजिक सॉफ्टवेयर शाजम भी शामिल है जो हर आईफोन के साथ पहले से इंस्टाल होता है।
एंग्री बर्डस गेम फोन का यूडीआईडी गेम निर्माता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक आर्ट्स को भेज देता है।
म्यूजिक एप्लीकेशन ‘पैंडोरा’ लिंग, लोकेशन, उम्र और फोन आईडी नंबर अनेक विज्ञापन कंपनियों को भेज देता है।
स्मार्टफोन उपभोक्ताओं के पास कंप्यूटर की तरह इसे डिस्एबल करने का कोई विकल्प नहीं होता।
‘पेपर टॉस’ गेम से उपभोक्ता फोन का आईडी नंबर कम से कम पांच विज्ञापन कंपनियों के पास चला जाता है।
‘‘हमारे उपभोक्ताओं के लिए हमने कड़ी निजता संरक्षण व्यवस्था की है। खासकर लोकेशन से जुड़े डाटा के बारे में। विश्वास सबसे बड़ी बात होती है।’

टॉम न्यूमायर,एप्पल के प्रवक्ता

‘यह सही है कि एप्लीकेशन्स से मिली जानकारी का उसकी एडमोब विंग इस्तेमाल करती है। लेकिन हमारा फोकस है कि उपभोक्ता का उन एप्लीकेशन्स पर नियंत्रण हो, जो वे डाउनलोड करते हैं।’

गूगल प्रवक्ता

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